Description
FORMAT: Paperback
COVER MIGHT DIFFER
जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता है अथवा नहीं? अपने प्रारब्ध एवं कर्तव्य की ओर खिंच जाने वाले एवं साथ ही प्रेम से प्रेरित शिव क्या सूर्यवंशियों के प्रतिशोध में उनका नेतृत्व करेंगे और बुराइयों का नाश करेंगे?यह शिव रचना त्रयी की प्रथम पुस्तक है। शिव एक साधारण मनुष्य है जिसके कर्म उसे देवों के देव महादेव में परिवर्तित कर देते हैं।
Reviews
There are no reviews yet.